किसी छोटे से गाँव मे एक गरीब किसान अपने परिवार के साथ रहा करता था _ वह दिनभर खेत मे काम करता था _लेकिन परिवार मे सदस्यों की संख्या ज्यादा होने के कारण उसके लिए दो व्यक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा था _ अपनी इस लाचारी को देखते हुए !
किसान हमेशा दुखी रहता था _ और पैसा कमाने के नए नए तरीकों के बारे में सोचता था
उसकी इस हालत को देखते हुए _ उसके एक दोस्त नें _ उसे खेती के साथ मुर्गी पालने का सुझाव दिया _ उसके दोस्त नें कहा कि अगर तुम खेती के साथ – साथ अंडे बेचोगे ” तो तुम्हारी कमाई अच्छी होगी _ इससे तुम अपने परिवार को भरपेट खाना खिला पाओगे !
यह सुनकर किसान खुश तो हुआ _ लेकिन बोला कि भाई मेरे पास तो मुर्गी खरीदने के भी पैसे नहीं हैं !
ऐसे में मैं क्या खाक मुर्गी के अंडे बेचूँगा _ किसान की यह बात सुनकर उसका दोस्त बोला भाई इतना भी परेशान होने की जरूरत नहीं हैं _ थोड़े पैसे मुझसे ले लो _ और दो चार मुर्गी खरीद लो _ बाद में जब तुम पर पैसा आ जाएगा _ तो मुझे मेरे पैसे वापस लौट देना _ उसकी यह बात सुनकर किसान राजी हो गया !
और कुछ पैसे दोस्त से ले लिए _ अगले दिन किसान पैसे लेकर बाजार की ओर निकल पड़ा _ वहाँ जाकर उसने पाँच से छ मुर्गी खरीद ली _ बाकी जो पैसे बचे उनसे मुर्गियों के लिए दाना ले लिया !
मुर्गी और दाना लेने के फौरन बाद वह घर की और रवाना हो गया _ आखिर खेत पर भी तो जाना था _ घर लौटते ही उसने अपनी पत्नी को आवाज लगाई _ और कहा ” सुनती हो मैं मुर्गियाँ ले आया हूँ _ इन्हे ले जाओ और अच्छे से दाना पानी दे देना !
कल से ये जीतने भी अंडे देगी _ उन्हे बेचकर थोड़ी कमाई हो जाया करेगी
पत्नी के बाहर आते ही वह मुर्गियाँ और दाना उसके हाथ मे थमाकर खेत की और चला गया _ दिनभर खेत भर खेत में काम करने के बाद वह रात को घर आकार खाना खाकर सो गया _ अगले दिन जब वह सुबह उठा _ तो वह क्या देखता हैं _ उसकी पत्नी के हाथ में एक चमकता हुआ अंडा हैं _ फिर वह उसे गोर से देखता हैं _ गौर से देखने के बाद वह गरीब किसान तो खुशी से झूम उठता हैं !
और अपनी पत्नी से कहता हैं – कि अरे भागवान ये तो सोने का अंडा हैं _ अब पति और पत्नी दोनों ही बहुत खुश हो जाते हैं _फिर पति पूछता हैं कि ये अंडा कहाँ से मिला _ पत्नी बोली कल जो तुम मुर्गीया लाए थें ना उनमे से एक मुर्गी ने यह अंडा दिया हैं _ किसान अब तो खुशी से झूम उठता हैं !
फिर दिन मे ही किसान बजार मे एक अच्छे सुनार को वह अंडा बेच आता हैं _ उस सोने के अंडे से किसान को बहुत सारे पेसे मिले गए _ वह घर जाते समय अपनी पत्नी के लिए कुछ साड़िया भी खरीद लेता हैं _ और पूरे महीने का राशन भरवा लेता हैं !
फिर जिस जिसका उधार था उसका भी चुका दिया !
अब सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को पाकर वह किसान एक दिन मे ही लालच से भर चुका था _ किसान खुश तो बहुत था _मगर उसे बहुत जल्दी आमिर बनना था _ तभी वह अपनी पत्नी के पास बैठकर कहता हैं
कि अब हम दुनिया के सबसे आमिर आदमी बन जाएंगे _ तभी उसकी पत्नी कहती हैं _ पागल हो गए हो क्या _ भला रोज एक अंडे से हम दुनियाँ के सबसे आमिर इंसान कैसे बनेंगे !
लोगों के पास पता नहीं कितना सोना ” कितना पैसा पड़ा होता हैं _ पत्नी के इस तंज पर किसान कहता हैं !
सोचो जब यह मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देती हैं _ तो क्यों ना एक साथ इसके पेट मे मौजूद सारे अंडे निकाल लिए जाए _ पत्नी थोड़ा सोचती हैं _ फिर उसे पति की बात जच जाती हैं !
और वह जल्दी जाकर एक तेज धार वाला चाकू ले आती हैं !
तभी किसान पत्नी के हाथों से चाकू लेकर जल्दी से एक झटके मे ही _ उस सोने काअंडा देने वाली मुर्गी का पेट चीर देता हैं _ मुर्गी का पेट फटते ही मुर्गी मर जाती है _ और किसान के हाथ एक भी सोने का अंडा नहीं लगता _ यह देख किसान और उसकी पत्नी को अपने किये पर बहुत पछतावा होने लगा !
कहानी से सिक्षा
सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी से हमे यह सिख मिलती हैं _ कि किसी भी मनुष्य को जितना हैं उतने में ही सब्र और संतोष करना चाहिए _ ज्यादा लालच किसी को कभी भी नहीं करना चाहिए _ क्योंकि ज्यादा लालच इंसान को जितना हैं उतने से भी दूर कर देता हैं !!
आपका धन्यवाद