
जान से प्यारा कुछ नही । Story Of Akbar Birbal
» बादशाह अकबर सभासदों और विद्वानों की परीक्षा लेने के लिया नित नये और अनोखे प्रश्न किया करते थे । एक दिन उन्होंने सबही से एक प्रश्न किया- ” इंसान के लिए सबसे प्यारी चीज क्या है ? किसी ने कहा-सबसे प्यारी चीज खुद है।
» दूसरा बोला – हुज़ूर सबसे प्यारे आप है। , सबसे प्यारी संतान होती है। , मुल्ला दो प्याज़ा ने कहा । दौलत से प्यार किसको नही है। इससे हर चीज खरीदी जा सकती है । अतः इंसान दौलत से सबसे ज्यादा प्यार करता है ।
» सभी से उत्तर सुनकर बादशाह ने बीरबल की ओर देखा – बीरबल ने अभी तक कोई उत्तर नही दिया , वो अभी भी खामोश बैठे सोच रहे थे, । बीरबल। , जहाँपनाह ! तुमने कोई उत्तर नही दिया।
» जहाँपनाह सबसे प्यारी चीज होती है जान । ” बीरबल ने बताया ।
» नही हमे मुल्ला दो -प्याज़ा का उत्तर जंच रहा है। इंसान हो जानवर , उसके लिया उसकी संतान ही सबसे प्रिय है। ” अपना -अपना ख्याल है जहाँपनाह , ! मैंने ऐसे मंजर भी देखे है , की वक्त आने पर प्राणी संतान की भी परवाह नही करता और अपनी जान बचाता है । सिद्ध कर सकते हो? जी हाँ , मै सिद्ध कर सकता हूँ।
» उधर मुल्ला दो -प्याज़ा यह सोच कर बहुत खुश था की पहला मौका है, जब बादशाह ने उसके जवाब को बीरबाल से श्रेष्ठ बताया है। अतः वह इनाम और सम्मान पाने की कल्पना मे खो गया। दूसरी ओर अपने सत्य को सिद्ध करने के प्रयास मे दूसरे दिन मे ही बीरबल ने किले के टैंक का पानी निकलवाकर उसे खाली कर दिया। उस खाली टैक मे एक बंदरिया को छुड़वा दिया । जिसके पेट पर बच्चा चिपका हुआ था।
» फिर धीरे – धीरे उस टैंक मे पानी छुड़वाना शुरू कर दिया। बंदरिया सूखे मे खड़ी हो गई, जोकि सबसे ऊँची जगह थी। जब उस ऊँची जगह मे भी पानी आ गया और बंदरिया के पेट पर चिपका बच्चा भीगने लगा तो बंदरिया ने उस बच्चे को पीठ पर लाद लिया। पानी भरता जा रहा था, बंदरिया बच्चे के लिए खड़ी रही। पानी तेजी से भर रहा था।
» जब पानी बंदरिया की पीठ तक भी आने लगा तो उसने बच्चे को सिर पर उठा लिया । पानी बढ़ता जा रहा था। यहाँ तक की बंदरिया डूबने लगी। उसके पैर भी उखड़ने लगे। तब उसने अपने आपको बचाने के लिए उस बच्चे को नीचे फैक दिया और स्वयं बच्चे के ऊपर खड़ी हो गई।
» यह देखकर बादशाह अकबर की आखे खुल गई। जिस बच्चे को बचाने के लिये वह कुछ देर पहले तक जी – जान से संघर्ष कर रही थी। अब अपनी जान बचाने का माध्यम बना लिया। सच है जान है तो जहान है ।
यह कहानी भी पढ़ें ⇓⇓⇓⇓⇓
अन्धो की सूची » अकबर बीरबल की कहानी । Story Of Akbar Birbal । Akbar Birbal Stories In Hindi ।
» वह मान गए की सबसे प्यारी जान होती है। अपनी जान संकट मे देख कोई भी प्राणी किसी की परवाह नही करता। बीरबल ने मुस्कुरा कर कहा – देखा आपने । ” तुमहरी बात सही है-बीरबल । ” , जहाँपनाह , संसार म हजारों मे एक ऐसा होता है। जो प्राणों की बाजी लगाकर किसी की प्राण रक्षा कर सकता है। अधिकांश तो ऐसे होते है, जिन्हे अपने जान की ही अधिक परवाह होती है।
» ऐसे भी प्राणी होते है,जो भूक से पीड़ित होने पान संतान का ही भक्षण कर जाते है। कुछ प्राणी तो होते ही ऐसे है, अकाल पड़ने पर मनुष्य को भी मनुष्य का , अपनी संतान तक का भक्षण करते देखा गया है। इसीलिए मैंने कहा था की सबसे प्यारी चीज अपनी जान है।
»“सच कहते हो। ” ऐसा कहकर अकबर बादशाह ने अपने हाथ की अंगूठी बीरबल को देकर कहा- यह तुम्हारा इनाम । यह देखकर मुल्ला – प्याज़ा के सीने पर सांप लोट गए। अगर बीरबल यह सब न करता तो इनाम की इस वेश- कीमती अंगूठी का अधिकारी वही होता। मगर अब पछताए का होत है।