पानी की प्यास » Best Motivational Stories । The Story Of A True Emotion । Moral Story In Hindi ।

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पानी की प्यास » । Best Motivational Stories ।

» राधिका एक छोटी सी बच्ची थीं । जो एक गाँव में रहतीं थीं । राधिका की माँ नहीं थीं । उसके पिता गाँव के एक जमींदार के पास उनके खेतों में मजदूरी करते थें । राधिका के पिता श्यामलाल जी सऊह जल्दी उठकर खाना बनाते फिर राधिका को तैयार कर स्कूल भेजते राधिका गाँव के स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ती थीं ।

»रोज दोपहर को श्यामलाल घर खाना खाने आते थें । और उसी समय वह राधिका को स्कूल से लाते थें । व उसे भी खाना खिलाते थें । बादमे राधिका बच्चों के साथ खेलने में लग जाती । और श्यामलाल जी वापस अपनें काम पर खेतों में चले जाते थें ।

» इसी तरह दिन बीतते रहें । एक दिन सुबह गर्मी पड़ रहीं थीं । श्यामलाल जी घर आए तो देखा घर में एक बूँद भी पानी नहीं हैं । राधिका भी स्कूल से आकर पानी माँग रहीं थीं ।

» श्यामलाल जी ने कहा – ” बेटी मैं अभी पानी भरकर लाता हूँ । ”

» तभी श्यामलाल मटका लेकर पानी लेने कुएं की ओर चल देते हैं । लेकिन तेज गर्मी से उन्हें चक्कर आ जाते हैं। और वे वहीं उस कुएं के पास गिर जाते हैं । गाँव के कुछ लोग उन्हे उठाकर घर ले आतें हैं । श्यामलाल जी के सिर से खून निकल रहा था । जिसे देखकर राधिका डर जाती हैं । और बहुत जोर -जोर से रोने लगती हैं । श्यामलाल जी बेहोश थें । तभी गाँव के वैध जी को बुलाया जाता हैं ।

» वैध जी कहते हैं – ज्यादा गर्मी के कारण ये बहुत कमजोर हो चूकें हैं ।

» तभी वैध जी श्यामलाल का इलाज करके उनके सिर पर पट्टी बांध देते हैं । वे बताते हैं कि रात तक उन्हें होश आ जाएगा । यह कहकर वैध जी चले जाते हैं । गाँव वाले भी उनके साथ ही श्यामलाल के घर से चले जाते हैं। राधिका अपने पिताके सिर की पट्टी को गौर से देखकर बहुत दर जाती हैं । और उसे बहुत तेज प्यास भी लग रहीं थीं । लेकिन अब उसे पानी पिलाने वाला कोई नहीं था । ज्यादा रोने के कारण अब उसे और भी तेज प्यास लगती हैं ।

» अब राधिका बाहर से पानी लाने की सोचती हैं । वह घर से बाहर निकलती हैं , तप देखती हैं , कि रात हो चुकी है । चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा हैं । वह डर के मारे वापस घर में आ जाती हैं । लेकिन अब प्यास से उसका बुरा हाल था । जहाँ श्यामलाल जी का घर था । वहाँ आस पास किसी कअ भी कोई घर नहीं था । जिनसे मदद  माँगी जाए । अब राधिका को लगा कि वह प्यास से मर जाएगी । इधर उसके पिता भी बेहोश पड़े थें ।

» अब वह नन्ही सी बच्ची भगवान की तस्वीर के आगे बैठकर प्राथना करनें लगती हैं । और कहती हैं – कि हे भगवान जी मेरे पिताजी को जल्दी से ठीक कर दो । जिससेव्ह मेरे लिए पानी लाकर दे सके ।

» धीरे  धीरे समय बीत रहा रहा था । अब प्यास के मारे राधिका बेहोश सी होने लगी थीं । वह धीरे – धीरे भगवान को पुकार रही थीं । और बोल रही थीं , ” कि भगवान जी मेरे लिए पनि भिजवा दो नहीं तो मैं मर जाऊँगी। ”

» राधिका लेटे – लेटे ऐसेही बड़बड़ा रही थीं । उसकी आंखे बंद होती जा रहीं थीं ।

» आज उसे उसकी माँ की बहुत याद या रही थीं । और सोच रहीं थीं । ” काश माँ होती तो मुझे पानी पिलाती , खाना  देती । अब तो ना खाना  मिलेगा ना पानी मिलेगा । ”

» तभी रात को साधुओं की एक टोली वहाँ से जा रहीं थीं । और श्याम लाल के घर के बाहर आकर उन्होंने दरवाजा बजाकर खाना माँगा । लेकिन बहुत देर खड़े रहकर भी अंदर से कोई नही बोला । तो सभी साधु जाने लगे ।

» लेकिन अचानक एक साधु को उस बच्ची की आवाज सुनाई दे दी । वह बोल रही थीं , ” कि भगवान जी पानी भिजवा दो ”

» तभी साधु ने जोर से दरवाजे को धकेला तो वह खुल गया । उन्होंने देखा कि एक बच्ची जमीन पर पड़ी हुई हैं । उन्होंने अन्य साधुओ को आवाज दी और अंदर आकर तुरंत राधिका को पानी पिलाया । राधिका को कुछ होश आया । फिर उनमे से एक साधु नें राधिका को भिक्षा मे मांगे हुए कुछ फल खाने को दिए । जिसे खाकर राधिका ने थोड़ा और पानी पिया । और कुछ होश में आई ।

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ईश्वर जो करता है, अच्छा करता है » Story Of Akbar Birbal । Akbar Birbal Stories In Hindi । Akbar Our Birabal ।

» साधु ने पूछा – ” बेटी तुम बेहोश कैसे हो गई ? ”

» तब राधिका नें उन साधुओ को सारी बात बता दी । फिर राधिका नें पूछा – कि आप लोग कौन हो ?

» अच्छा आप लोग भगवान हैं या भगवान जी नें आपको भेजा हैं । क्योंकि मैंने तो उनसे ही कहा था , ” कि भगवान जी पानी जल्दी भेज दो ”

» यह सुनकर सभी साधु हँसने लगे । उन्होंने कहा – हाँ बेटी यही समझ लो , भगवान जी ने ही हमे भेजा हैं . उनमें से एक साधु ने कहा , कि जब तक तुम्हारे पिताजी ठीक नहीं हो जाते , तब तक मैं उनकी देखभाल के लिए यहीं रहूँगा । बाकी साधु वहाँ से चले जाते हैं ।

» अगले दिन जब श्यामलाल जी को होश आता हैं । तो वे साधु बाबा का धन्यवाद करतें हैं । कि उन्होंने उनकी बच्ची की जान बचाई ।

» साधु बाबा कहते कहते हैं – तुम्हारी बच्ची की सच्ची भावना के कारण ही , हम यहाँ आ पाए । यह सब भगवान की कृपा हैं ।

» तभी उस बाबा नें उस घर के हालातों को देखते हुए भोलेनाथ का एक सच्चा रुद्राक्ष श्यामलाल को दे दिया । और बाबा ने कहा इस रुद्राक्ष के होते अब तुम्हारे घर में कोई कमी कभी नहीं हो सकतीं ।

» श्याम लाल ने वह रुद्राक्ष उस बाबा से लेकर अपने मंदिर मे रख दिया , और अपनी प्यारी बच्ची राधिका को अपने गले से लगाकर बोला कि बेटी तेरी सच्ची भक्ति नें आज मेरी और तेरी जान बचा ली । वाकई में बच्चों की भगवान जरूर सुनता  हैं । अगर तुझे कुछ हो जाता तो मैं भी जीते जी मर ही जाता । मुझे माफ कर देना बेटी । सारी गलती मेरी हैं । मैं ही तुझे समय पर पानी लाकर ना दे सका । यह कहकर श्याम लाल खूब रोने लगा ।

» औरअब श्यामलाल उस बाबा के दिए रुद्राक्ष की  रोज पूजा भी करनें लगा । रुद्राक्ष की शक्ति से श्यामलाल कअ जीवन बदल गया । कुछ ही महीनों में उसके जमींदार ने श्यामलाल के काम से खुश होकर गाँव से थोड़ा दूर एक जमीन का टुकड़ा उसे दे दिया । और बदले में वह उससे थोड़ा काम करवा लेता था ।

» समय निकाल कर श्यामलाल उस जमीन पर खेती करने लगा । कुछ महीनों में उसकी मेहनत रंग लाने लगी । और श्यामलाल नें एक हट्टी – कट्टी भैंस खरीद ली । अब श्याम लाल के  पास कोई कमी नहीं थीं । उसने राधिका के लिए एक नौकरानी रख ली । जो राधिका के साथ भैंस की भी देखभाल करती थीं

» इस तरह एक बच्ची की पानी की प्यास नें उन्हे जीवन का सुख दे दिया ।

Author: Hindi Rama

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