किसान का दुख और संकट । एक किसान की कहानी । Inspirational Story । Motivational Story । Hindi Stories । Hindi कहानी।

किसान का दुख और संकट । एक किसान की कहानी । Inspirational Story । Motivational Story । Hindi Stories । Hindi कहानी।

किसान और महात्मा बुद्ध

एक बार गाँव में एक किसान अपनें दुखों से बहुत दुखीं था ! तभी किसी नें उसको बताया की तुम अपनें दुखों के समाधान के लिए गौतम बुद्ध की शरण में जाओ ! वह तुम्हारे सभी दुखों का समाधान कर देंगें !

यह सुनकर वह किसान बुद्ध की शरण में चल पड़ा ! और वह गौतम बुद्ध की शरण में पहुँच गया ! और उनकें पास जाकर बोला हे महात्मा मैं एक किसान हूँ ! और मैं अपना जीवन चलानें के लिए खेती करता हूँ !
 
लेकिन कई बार वर्षा पर्याप्त नहीं होती हैं ! और मेरी खेती बर्बाद हों जाती हैं !😔😔
 
किसान नें आगे कहा कि मैं विवाहित हूँ ! और मेरी पत्नी मेरा बहुत ख्याल रखती हैं ! मैं भी उससे बहुत प्रेम करता हूँ लेकिन कभी कभी मेरी पत्नी मुझे बहुत ही ज्यादा परेशान करती हैं ! 
 
जिससे मुझे लगता हैं कि अब मैं उसे चुभता हूँ ! और मुझे ये भी लगता हैं कि मेरी पत्नी मेरे जीवन मैं न होती तो कितना अच्छा होता ! 
 
गौतम बुद्ध उस किसान की बात शांति पूर्वक सुनते रहें !!
 
किसान नें आगे कहना जारी रखा और बोल __ महात्मा जी मेरे बच्चें भी है ! वो बहुत अच्छे हैं ! लेकिन कभी कभी वो मेरी 4 बात नहीं मानतें और उस समय मुझे बहुत क्रोध आता हैं !और लगता हैं कि वो मेरे बच्चें हैं हीं नहीं किसान एसी ही बातें बुद्ध से कहता गया और उसने अपनें सारे दुखों को एक एक करके उनको बता दिया ! 
 
गौतम बुद्ध ध्यानपूर्वक उस किसान की सभी समस्याएं सुनते गए और उन्होंने बीच में एक शब्द भी नहीं कहा और किसान भी अपने सारे दुखों का बोझ बुद्ध के आगे हल्का करता गया 
 
अब आखिर मे किसान के पास बताने के लिए कोई भी समस्या नहीं बची !
 
और आपना मन हल्का हो जाने के बाद वह किसान चुप हो गया ! और बुद्ध के जवाब की प्रतीक्षा करने लगा लेकिन बुद्ध ने कुछ नहीं कहा ! किसान अब और सब्र नहीं कर सकता था !
 
वह आवाज ऊँची करते हुए बोल – हे बुद्ध क्या आप मेरी समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे ????
 
तभी गौतम बुद्ध बोले – मैं तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर सकता ! यह सुनकर किसान को अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ !वो बोला  ये आप कह रहें है बुद्ध लोग तो बोलते हैं कि कि आप सभी के दुखों का निवारण करतें है ! तो क्या आप मेरे दुखों को हल नहीं करेंगें ??
 
बुद्ध ने कहा “” सभी के जीवन मे कठिनाइयाँ होती हैं ! और तुम्हारे जीवन में कोई नई समस्या नहीं हैं !
 
ये समस्या तो सभी लोगों के जीवन में आती जाती हैं कभी मनुष्य सुखी होता हैं ! तो कभी दुखीं ! कभी उसे पराए अपने लगते हैं तो कभी अपनें ही पराए “” ये जीवन  चक्र हैं ! इसमे से कोई भी नहीं निकल सकता ! वास्तविकता मे हमारा जीवन कठिनाइयों से बर हुआ हैं ! मेरा तुम्हारा और अन्य सभी लोगों का जीवन समस्याओं से ग्रसित हैं !
 
इसलिए मैं इन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता :
 
यदि तुम किसी एक समस्या का उपाय कर भी लो तो उसके स्थान पर एक नई समस्या खड़ी हो जाएगी ! यही जीवन का अटल सत्य हैं !
 
यह सुनकर वह किसान और भी क्रोधित हो गया ! और बोल सब लोग कहतें कि आप एक बहुत बड़े महात्मा है !और मैं यहाँ एक आस लेकर आया था कि आप मेरी सहायता करेंगे ! अगर आप मेरी अमस्याओं का समाधान नहीं करेंगे तो मेरा यहाँ आना व्यर्थ हुआ ! और इसका मतलब सभी लोग आपके बारे मे झूठ बोलते हैं ! मैं बेकार ही आपके पास आया !
 
इतना बोलकर किसान वहाँ से उठकर जाने लगा
तभी  बुद्ध नें कहा – मैं तुम्हारी इतनी समस्याओं का समाधान तो नहीं कर सकता हूँ ! लेकिन हाँ मैं तुम्हारी  एक दूसरी समस्या का समाधान जरूर कर सकता हूँ !
 
किसान चौंकते हुए बोला – इन समस्याओं के इलवा दूसरी समस्या “”” भला वह कौन सी समस्या हैं 😟😟
तभी बुद्ध नें कहा – कि वह समस्या हैं 👇👇
 
तुम नहीं चाहते कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या हों इसी समस्या के कारण ही दूसरी कई समस्याओं का तुम्हारे जीवन मे जन्म हुआ है !तुम बस इस बात को स्वीकार कर लो कि सभी के जीवन में समस्या जरूर होती हैं ! और कठिनाइयाँ भी होती हैं ! तुम सोचते हो कि सिर्फ तुम ही इस दुनिया मे सबसे ज्यादा दुखी हो ! और तुम्हारे जितना कोई और दुखी नहीं हैं !
 
तुम अपने आस पास देखों क्या वह लोग तुमसे कम दुखी हैं ??
 
तुम्हें सिर्फ अपना ही दुख बड़ा लगता है ! 
 
लेकिन जो लोग तुम्हारे आस पास रहते हैं उनको उनका दुख बड़ा लगता हैं ! इस दुनियाँ में सभी को अपना दुख ही बड़ा लगता हैं !
 
दुख चाहे छोटा हों या बड़ा वह जिसके साथ घट रहा है उसके लिए वह दुख पहाड़ का जितना बड़ा हैं !
 
अगर तुम ध्यान पूर्वक देखोंगे तो समझ जाओगे कि यह जीवन सुख दुख से भर हुआ हैं ! इसको तुम कभी नहीं बदल सकतें !
 
लेकिन तुम सुख – दुख से ऊपर अवश्य उठ सकतें हों ! यह तुम्हारे लिए संभव हैं 
 
सुख और दुख को हम आने से रोक नहीं सकते हैं ! लेकिन सुख और दुख का हम पर कोई प्रभाव न पड़ें
एसी व्यवस्था हम कर सकते हैं ! 
 
और इसकी शुरुआत इस तथ्य को समझने के साथ शुरू होती हैं ! कि हम कुछ भी कर ले जीवन में सुख और दुख आने हैं तो आने ही हैं बस हमें किसी भी समस्या को देखकर विचलित या परेशान कभी नहीं होना चाहिए 
 
इसलिए आज से तुम यह चाहना छोड़ दो 
 
कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या ही न आए और तब तुम जीवन में आने वाले हर सुख -दुख को स्वय में समा सकोगे ! दुख का कोई बड़ा तूफान आने पर भी शांत रह सकोगे !
 
और फिर देखना तुम खुद बड़े से बड़े दुख का संकट का हल भी स्वय एक पल मे ही कर लोगे !
 
और कोई दुख या संकट तुम्हारे दिमाग मे होगा ही नहीं बस तुम्हें अपना दिमाग हमेशा शांत रखना हैं ताकि संकट आने पर तुम उसका सामना ठंडे दिमाग से कर सको 
 
ना कि तुम उस संकट से डर कर भागों हमेशा अपने परिवार के साथ रहो ! 
 
और अपनी सारी परेशानी उन्हे मिलकर बताओ व हमेशा मिलकर रहों 
 
बुद्ध की सारी बातें सुनकर किसान रो पड़ा व उनके चरणों मे गिर पड़ ! अब वह सब समझ चुका था कि उसे क्या करना हैं ! 
 
अब उस किसान को जीवन जीने का सफल राज मिल चुका था 
 
 
कहानी से सिख :-
 
 
मित्रों यह जीवन पूरा ही सुख दुख से भरा हुआ हैं ! इसे मे यह सोचना गलत हैं ! कि हमारे जीवन में दुख कभी आए ही नहीं ! इस कहानी में गौतम बुद्ध द्वारा कहीं गई बातें हमे दुख से घबराने या सुख से अत्यंत उत्साहित होने की जरूरत नहीं ! 
 
जिस तरह इंसान सुख के समय अपने परिवार या काम पर सुखी और खुश रहता हैं ! उसी तरह उसे हिम्मत करके और अपना मन शांत रखकर दुख या संकट के समय भी अपने परिवार के साथ रहकर उस संकट का निवारण करना चाहिए ! क्योंकि दुख के समय परिवार या काम से दूर भागने से संकट और भी बड़ सकता हैं 
 
 आपका धन्यवाद 
 
 
 
 
 
 
 

 

 

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