
ट्रेन में चोरी किसनें की ? – Suspense Story In Hindi
» आज के समय मे , रेलवे यातायात पर बहुत सि जनता निर्भर है और इसके लिए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा , के कई इंतजाम भी किये जाते है। इसके बावजूद आए दिनों आपराधिक घटनाए घटती रहती है।
» एक बार की बात है , एक परिवार , लड़के की बारात लेकर लौट रहा था , बारात मेशामिल महिलाओ ने बहुत से गहने पहन रखे थे । जैसे-जैसे रात होती है, महिलाये अपने आभूषण उतारने लगती है ।
» क्योंकि रात भर इन्हे पहन कर तो नही रखा जा सकता है और यदि सब अलग – अलग इन्हे रखे तो सभी को जागना होगा जो की लगभग असंभव है। तभी एक बुजुर्ग सलाह देते हैं , की तुम लोग सारे गहने एक ही बैग मे रख दो । मै रात भर जागता रहूँगा ।
» बुजुर्ग परिवार मे सबसे बड़े थे, इसलिए सभी उनकी बात मान जाते हैं और सारे गहने एक बैग मे डालकर दादा जी के पास रख देते हैं और अब वक्त होता है, सभी के खाना खाने का। परिवार के सभी लोग एक साथ खाने के लिए बैठ जाते हैं।
» महिलाये सभी की थाली मे खाना परोस रही होती है और इसी बीच यात्रियों का आवागमन चलता रहता है। परिवार के सभी लोग , खाना प्रारंभ कर देते हैं। खाते हुए कुछ लोगों को नमक की कमी का एहसास होता है और वह बैग से नमक निकालने को कहते हैं, लेकिन महिलाओ को याद ही नही होता कि, नमक किस बैग मे रखा हुआ है।
» नमक निकालने के चक्कर मे गलती से गहनों वाला बैग, ऊपर से नीचे आ जाता है। सभी खाना खाने मे लग जाते है और जैसे ही खाना खत्म होता है। सब सोने के लिए अपनी अपनी सीट पर लेट जाते हैं।
» जिस बुजुर्ग ने गहनों के बैग की जिम्मेदारी ली थी, वह अब किसी गलत बैग पर निगाह रखे हुए हैं। बुजुर्ग अपनी जगह से उठकर टायलेट चले जाते है । उसी वक्त , एक रेलवे सफाई कर्मचारी आता है और सीट के नीचे रखे हुए, गहनों के बैग को, अपने कपड़े मे दबाकर धीरे से ले जाता है । बुजुर्ग आते ही, अपनी सीट पर बैठ जाते है।
» क्योंकि वह जिस बैग पर नजर रख रहे थे । वह बैग तो, वैसा का वैसा ही रखा होता है। सुबह होने लगती है । धीरे – धीरे सभी जागने लगते हैं। अचानक एक महिला की चीख सुनाई देती है ।
» सभी भागकर , उसकी सीट के पास पहुंचते हैं, तो पता चलता है, की गहनों वाला बैग चोरी हो चुका है। तभी वह बुजुर्ग , उस बैग को खोलकर देखते हैं, जिसमे वह रात भर से नजर रख रहे थे तो, चौंक जाते हैं, क्योंकि उसमे तो बच्चे के कपड़े ही थी।
» परिवार के सभी सदस्य , पूरी बोगी मे, सभी यात्रियों का बैग चैक करने लगते हैं। इसी बीच , रेलवे पुलिस के जवान आ जाते हैं और वह भी इनका सामना खोजने मे मदद करने लगते हैं। तभी , एक महिला बताती है, की रात को एक रेलवे सफाई कर्मचारी आया था , पता करिए कही , बैग वही तो नही ले गया ।
» रेल पुलिस के जवान , पूछताछ करके पता लगाते हाँ, की यहाँ तो कोई सफाई कर्मचारी नही, आया , क्योंकि इस बोगी मे कोई सफाई कर्मचारी है, ही नही और जो आया , वह कोई चोर था। दुल्हन के साथ – साथ , परिवार की कई महिलाओ के गहने , भी चोरी हो चुके थे।
» सभी दुखी होकर , रो रहे थे । ट्रेन , स्टेशन मे खड़ी होती है। इसी बीच बोगी मे, मूंगफली बेचने वाला व्यक्ति दाखिल होता है , साहब ये रज्जु ही है। जिसने चोरी की है । क्योंकि वह कह रहा था, की बड़ा हाथ मारना है और अभी जाते हुए ।
» मैंने उसके हाथ मे एक काले रंग का बैग देखा है । पुलिस वाले , परिवार से बैग के रंग के बारे मे पूछते हैं ,तो वह भी वही कलर बताते हैं, जो मूंगफली वाले मे कहा था। चोर का पता चलते ही , परिवार के लोगों मे, सकारात्मकता दिखाई देने लगती है । पुलिस वाले , स्टेशन मे उतरकर लोकल एरिया मे जाकर , रज्जु को गिरफ्तार कर लेते हैं।
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» लेकिन जब रज्जु के बैग की तलाशी ली जाती है , तो उसमे गहने नही मिलते। पुलिस हैरान हो जाती है और रज्जु को हिरासत मे लेकर कड़ी पूछताछ करती है , लेकिन इसके बावजूद , रज्जु यही कहता है। की, उसने गहनों की चोरी नही की है। बल्कि उसे तो वह बैग तो रेल की पटरी के किनारे पड़ा हुआ मिला था , तभी पुलिस टीम मे से, एक व्यक्ति को शक होता है । कही मूंगफली वाले ने, गलत जानकारी तो नही दी है ।
» पुलिस के जवान मूंगफली वाले का पता लगाकर , उसके घर की तलाशी ली जाती है , तो उसके बर्तनों मे बहुत से गहने छुपे होते हैं। पुलिस को सारी कहानी समझ मे आ जाती है। यह मूंगफली वाला मौका – ए – वारदात पर इसी लिए पहुँचा था, ताकि सभी को गुमराह कर सके और हो न हो इसी ने वह बैग खाली करके , रेल की पटरी के किनारे फेंका था । पुलिस की सख्ती देखते हुए।
» मूंगफली वाला, अपना गुनाह कबूल कर लेता है और हाथ जोड़कर माफी मांगने लगता है , लेकिन कानून मे, किये हुए गुनाहों की सजा होती है , माफी नहीं। यह बात, मूंगफली वाले को समझ मे आ चुकी थी और इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।