श्रापित राधा – अमावस्या की भयानक चुड़ैल । Horror Story In Hindi ।
⇒ बहुत समय पहले की बात हैं उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव नवरंगपुर में एक अजीब दहशत फैली हुयी थीं । गाँव के लोग अमावस्या की रात जैसे ही पास आती । अपने बेटों को घरों में अंदर बंद कर लेते थें । कोई भी जवान लड़का उस रात घर से बाहर नहीं निकलता था । क्योंकि गाँव के लोग कहते थें । —. ” उस रात भयानक चुड़ैल गाँव में आती हैं — जो गाँव के एक जवान लड़के से शादी करके उसे मार देती हैं “
⇒ लोग उस चुड़ैल को ” श्रापित राधा के नाम से जानते थें , जिसे कई साल पहले श्राप मिला थें “
खूबसूरत पर श्रापित राधा
⇒ राधा गाँव की सबसे सुंदर लड़की थीं । गोरा रंग लंबे बाल नीली आँखे — जैसे कोई सुंदर परी धरती पर उतर आयी हों । पर उसकी सुंदरता ही उसकी सबसे बड़ी सजा बन गयी । कहते है — कई साल पहले गाँव में एक तांत्रिक आया था । उसने राधा से विवाह का प्रस्ताव रखा । लेकिन राधा नें उससे विवाह करने से साफ मना कर दिया । और साथ में उस तांत्रिक से कहा कि , आपको शर्म नही आती , ” मैं आपकी बेटी की उम्र की हूँ ” फिर भी मुझसे विवाह का प्रस्ताव रखते हैं ।
⇒ तभी अपमानित तांत्रिक को बहुत ही क्रोध आ गया । उसने गुस्से में राधा को श्राप दे दिया ।
⇒ हे अभिमानी कन्या — तेरा रूप ही तेरी सजा बनेगी । हर अमावस्या की रात को तू एक भयानक चुड़ैल बनेगी । और उस रात तू जिससे भी विवाह करेगी , वह लड़का उस रात मारा जाएगा । पूरा गाँव तुझसे डरेगा , तुझसे घृणा करेगा ।
⇒ उस रात से राधा का जीवन बदल गया । वह बहुत अच्छी व खूबसूरत लड़की थीं , ” पर जैसे ही अमावस्या आती उसकी आँखें लाल हो जाती बाल बिखर जाते ” और वह एक खतरनाक चुड़ैल बन जाती थीं ।
गाँव में चुड़ैल का दहशत
⇒ गाँव वाले डर के साये में जी रहें थें । हर अमावस्या की रात को कोई न कोई गाँव का जवान लड़का गायब हो जाता , कभी किसी का शव कुएं में मिलता , तो कभी पेड़ से लटका । धीरे – धीरे पूरे गाँव में चुड़ैल का खौफ फैल गया । कि सभी गाँव के लड़कों की मौत के पीछे राधा चुड़ैल का ही हाथ हैं ।
⇒ गाँव कए लोगों नें गुस्से में आकार राधा को गाँव से बाहर निकाल दिया । राधा मजबूर थीं वह क्या करती , तभी वह अकेली ही गाँव के पास एक भयानक और घने जंगल में एक टूटी – फूटी झोपड़ी में जाकर रहने लगी । पर मन ही मन वह किसी ऐसे इंसान की प्रतीक्षा करने लगी । जो उसे उस भयानक चुड़ैल कए श्राप से मुक्त कर सकें ।
गरीब किसान का बेटा — रवि
⇒ उसी गाँव में एक गरीब किसान गोकुल का होनहार और मेहनती बेटा था रवि । रवि नेकदिल , मेहनती और भगवान शिव का भक्त था । वह रोज मंदिर जाता , गरीबों की मदद करता और सबके चेहरे पर एक अच्छी मुस्कान लाता था । दान – धर्म करके रवि को बहुत ही सुकून मिलता था ।
⇒ एक दिन खेत के पास उसकी नजर राधा पर पड़ी । राधा वहाँ नदी के किनारे बैठी रो रही थीं उसके आँसू देखकर रवि रुक गया । फिर रवि नें धीरे से पूछा — तुम कौन हों ? और यहाँ बैठकर क्यों रो रही हों ?
⇒ राधा ने सिर झुका लिया । और आँखों में आँसू लिए कहा — ” मैं वह हूँ जिससे पूरा गाँव डरता हैं , मैं एक श्रापित लड़की हूँ उसनें रवि को यह बताया व खूब रोने लगी ।
⇒ तभी रवि नें मुस्कुरातें हुए कहा — ” डर तो सिर्फ गलत काम करनें वालों को लगना चाहिए । सच्चे दिल वालों को नहीं । देखना राधा जी एक दिन आप बिल्कुल ठीक हो जाएंगी । यह मेरा वादा हैं आपसे । आप तो दिल की बहुत ही अच्छी हों । तो भोलेनाथ आपको जरूर ठीक कर देंगें ।
श्राप का रहस्य
⇒ राधा नें रवि को सबकुछ बता दिया — तांत्रिक का श्राप , अमावस्या , चुड़ैल , मौत और उसका दर्द । राधा बोली – हर अमावस्या की रात को मैं एक भयानक चुड़ैल में बदल जाती हूँ । मैं इतनी भयानक हो जाती हूँ , कि मुझे खुद पर काबू नहीं रहता । जो मुझसे विवाह करता हैं । वह मर जाता हैं ।
⇒ रवि नें उसकी आँखों में देखा ! और कहा — राधा तुम जितनी सुंदर हो उतनी ही अच्छी हो । और रही बात श्राप की उसमे तुम्हारी कोई भी गलती नहीं । वह पाखंडी तांत्रिक तुम्हें पाना चाहता था , तुमने मना किया तो उसने तुमपर तंत्र विद्या से तुम्हें चुड़ैल बनने का श्राप दे दिया । सच मए राधा तुम्हारी कुछ भी गलती नहीं । मैं तुम्हारे साथ हूँ । इसका तोड़ मैं निकालूँगा ।
रवि को हुआ राधा से प्यार
⇒ अब रवि राधा से रोज नदी के किनारे मिलने आया करता था । राधा भी रवि से मिलें बिना वहाँ से नहीं जाती थीं । दोनों को एक दूसरे से प्यार हो चुका था । रवि राधा को रोज कभी खेतों में तो कभी गाँव से दूर लगे मेले में घुमाने लगा । राधा रवि को पाकर बहुत खुश रहने लगी । मगर जैसे ही अमावस्या की रात आती तो वह रवि से दूर चली जाती थीं । ताकि रवि की मृत्यु ना हो जाए। क्योंकि राधा रवि से बहुत प्यार करने लगी थीं । वह उसे खोना नहीं चाहती थीं ।
⇒ रवि भी राधा से बेइंतेहा प्यार करता था । वह भी राधा के इस श्राप को खत्म करके उससे शादी करना चाहता था । गाँव वाले रवि को रोज बोलते और समझाते थें कि राधा को छोड़ दे वरना मारा जाएगा । मगर रवि ने हिम्मत बनाए रखी और राधा से दूर न हुआ । राधा को रवि हमेशा अपने सिने से लगाकर रखता था । ताकि राधा की कहीं हिम्मत ना टूट जाए ।
रवि की मेहनत और बाबा का उपाय
⇒ रवि उस श्राप से मुक्ति का रास्ता ढूँढने जंगल के बाबा शम्भूनाथ के पास गया । बाबा नें ध्यान लगाया और बोले — ” श्राप तो शक्तिशाली हैं पर सच्चे प्रेम और शिवभक्ति कए आगे कोई श्राप नहीं टिकता ” अबकी बार अमावस्या की रात जब राधा चुड़ैल बने , तब तुम महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए उसके माथे पर गंगाजल चढ़ा देना ।
⇒ पर ध्यान रहें — डरना मत वरना सब नष्ट हो जाएगा । और गलती हुयी तो तुम्हारी मृत्यु भी हो सकतीं । रवि बोला बाबा राधा की इस श्राप से मुक्ति के लिए मैं अपने प्राण भी दे दूँगा बस राधा ठीक हो जाए । बाबा बोले — चिंता मत करो बेटा मैं तुम्हारे साथ हूँ । जब तक राधा ठीक नही होगी , तब तक मैं भी साधना करूंगा ।
⇒ रवि मैं बाबा की यह बात सुनकर बहुत हिम्मत आई । फिर रवि नें प्रण लिया कि वह राधा को बचाकर ही रहेगा ।
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खतरनाक अमावस्या की रात
⇒ गाँव में चारों ओर सन्नाटा था सब अपने घरों में बंद थें । आसमान में बादल घिर आए थें । हवा सिसकियों जैसी आवाज कर रही थीं । रवि अकेला मंदिर से गंगाजल लेकर राधा की झोपड़ी की ओर चला ।
⇒ तो जैसे ही रवि नें झोपड़ी कए अंदर कदम रखा , वैसे ही एक भयंकर चीख सुनाई दी — ” रवि …. भाग जा अब बहुत देर हो चुकी हैं ! क्योंकि राधा अब चुड़ैल बन चुकी थीं ” उसकी आँखें खून की तरह लाल , बाल बिखरे , और आवाज में दर्द भरा गुस्सा था ।
⇒ रवि बहुत डर गया , मगर डरते हुए भी वह भागा नहीं । ” उसनें काँपते हुए भी मंत्र को जपना शुरू किया । ” ॐ त्र्यंबक यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्धनमं ” यह मंत्र रवि बिना रुके शिव जि का ध्यान करतें हुए बार – बार बोलने लगा ।
⇒ मंत्र सुनकर राधा के अंदर चुड़ैल को बहुत दिक्कत होने लगी । राधा की चुड़ैल बोली — रुक जा रवि ! तू मारा जाएगा , यह मंत्र बोलना बंद कर अभी के अभी । मगर रवि नही रुका तभी उसने मंत्र बोलते हुए राधा के माथे के ऊपर बहुत सारा गंगाजल गेर दिया ।
⇒ तभी अचानक पूरा आकाश चमक उठा । तेजी से बिजली गिरी , हवा थम गई , और एक उजाला राधा की ओर फैल गया ।
राधा को मिली श्राप से मुक्ति
⇒ सब कुछ थम सा गया ! राधा की आँखों से बहुत तेज आँसू बहने लगे । उसका चेहरा शांत हो गया वह बोली — रवि तेरा प्रेम सच्चा था । तूने मुझे इस नरक से मुक्त करा ही दिया । यह कहकर राधा रवि की बाँहों में आकर बेहोश हो गई ।
⇒ जब तक राधा को होश नहीं आया , तब तक रवि राधा को अपनी गोद में लिटाकर शिव जी को याद करने लगा । कुछ देर बाद राधा नें अपनी आँखें खोली , तो वह पहले जैसी सुंदर और मासूम राधा बन चुकी थीं ।
⇒ अब राधा में कोई भय नही था । उसका श्राप खत्म हो चुका था । तभी राधा नें कहा , रवि तुम जैसा पति मुझे हर जन्म में चाहिए । तुमने बिना खुदकी प्रवाह किये ही मेरा कितना साथ दिया । जबकि सभी गाँव वाले और मेरे परिवार तक नें डर के मारे मुझे गाँव से ही निकाल दिया था ।
मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ रवि ! मुझे कभी मत छोड़ना । यह सुनते ही रवि ने राधा को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा , कि राधा मैं तुम्हें हर जन्म कए लिए अपनाना चाहता हूँ ।
राधा और रवि की प्रेम की शुरुआत
⇒ अगले दिन गाँव वालों ने चमत्कार देखा । राधा अब सामान्य थीं । चुड़ैल का नाम मिट चुका था । गाँव कए शिव मंदिर में सबकी मौजूदगी में रवि और राधा का विवाह हुआ । बाबा शम्भूनाथ नें भी उनको आशीर्वाद दिया । और कहा — जहाँ प्रेम सच्चा हों वहाँ भय और श्राप टिक ही नहीं सकता ।
कहानी से सिख —
⇒ सच्चा प्रेम हर श्राप को तोड़ सकता हैं । डर और अंधविश्वास तभी मिट सकता हैं जब विश्वास और भक्ति दिल में हों । राधा और रवि की कहानी सिर्फ प्रेम नहीं बल्कि साहस और विश्वास की मिसाल हैं । उस दिन दिन रवि और राधा हर अमावस्या की रात को शिव मंदिर में दिया जलाने लगे। …. ” डरावनी कहानी “